Wednesday, December 12, 2012

Flower








Flower 

Thursday, December 6, 2012

उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में स्थित कपकोट-दानपुर क्षेत्र के हर तीसरे घर में प्रसिद्ध वाद्य यन्त्र 'हुड़का' होता था चाहे किसी के घर में शादी हो, घर में पूजा हो,जागर अथवा घन्याली, कोई त्यौहार या कोई महोत्सव हो उस रात्रि को यहाँ के लोग एकत्रित होकर चांचरी गाकर अपना मनोरंजन करते हैं। यहाँ के मेलों में हर साल नए-नए झोड़े-चांचरी का निर्माण होता था। लोग इन आयोजनों से पहले अपने हुडके को ठीक करते थे, हुड़
के को विभिन्न रिब्बनों से सजाते थे। वे यह तय करते थे कि वे आज कौन सी चांचरी गायेंगे और इन आयोजनों समाप्ति के पश्च्यात भी वे एक दूसरे को बताते थे कि उन्होंने आज ये चांचरी गायी, एक ने ये जोड़ मारा, फिर दूसरे ने इस जोड़ का उत्तर इस जोड़ से दिया इत्यादि- इत्यादि। लेकिन आज हमारा दानपुर भी अन्य शहरों की भांति पश्चिमी सभ्यता के चकाचौंध से अछूता नहीं है। पहले भी भांति आज न तो कोई जागर,घन्याली और न ही धूनी आदि के आयोजन हो रहे हैं और न ही लोग किसी के घर में लोग जाना चाहते हैं। कोई जाते भी हैं तो सिर्फ रिश्ते-नातेदारी निभाने के लिए। आज यह 'हुड़का' सिर्फ एक धरोहर के रूप में रह चुका है। गिने-चुने लोगों के पास ही हुड़का उपलब्ध है। आज यदि हमें अपनी संस्कृति बचानी है तो हमें अपने 'हुड़के' जैसे वाद्य यंत्रों का भी संरक्षण करना होगा।

Tuesday, November 20, 2012

Vimandeswar द्वारहाट

                                                                                                                      Vimandesawr 

     द्वारहाट




                                                                                                            









     द्वारहाट

Saturday, November 3, 2012

Friday, November 2, 2012




शादी की तस्वीर